सिरगिट्टी पुलिस ने एक माह पुराने तिफरा ‘अधजली लाश’ हत्याकांड की गुत्थी सुलझाई; दो आरोपी गिरफ्तार
बिलासपुर, छत्तीसगढ़: बिलासपुर पुलिस को एक बड़ी सफलता हाथ लगी है। सिरगिट्टी थाना क्षेत्र में लगभग एक माह पहले मिली एक अज्ञात व्यक्ति की अधजली लाश के सनसनीखेज मामले को पुलिस ने सुलझा लिया है। इस मामले में पुलिस ने दो आरोपियों को गिरफ्तार किया है, जिन्होंने शराब के नशे में हुए मामूली विवाद के बाद मृतक की पत्थर से वार कर हत्या कर दी थी और पहचान छिपाने के लिए शव को जला दिया था।
घटनाक्रम और शुरुआती जाँच
यह मामला 7 नवंबर 2025 को सामने आया था, जब सिरगिट्टी थाना क्षेत्र के तिफरा सब्जी मंडी रोड, होटल ग्रेण्ड लोटस के पीछे झाड़ियों के बीच एक अज्ञात पुरुष का अधजला शव बरामद हुआ था। शव की स्थिति को देखते हुए, यह स्पष्ट था कि यह हत्या का मामला है, जिसे छुपाने का प्रयास किया गया था। सिरगिट्टी पुलिस ने तत्काल अपराध क्रमांक 692/2025 के तहत भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) की धारा 103(1) (हत्या) और 238 (बी) (अपराध के सबूतों को नष्ट करना) के तहत मामला दर्ज कर जांच शुरू की।

शुरुआती जांच में सबसे बड़ी चुनौती मृतक की पहचान करना थी। शव की पहचान सुनिश्चित करने के लिए पुलिस ने राज्य के सभी जिलों और थाना क्षेत्रों में दर्ज गुम इंसान रिपोर्टों से मिलान किया, साथ ही बड़े पैमाने पर इश्तहार (पोस्टर) जारी किए।
तकनीकी साक्ष्य और मृतक की पहचान
इस अनसुलझे मामले को सुलझाने के लिए पुलिस ने तकनीकी साक्ष्य और साइबर विश्लेषण का सहारा लिया। टावर डंप (एक निश्चित समय में एक मोबाइल टावर से जुड़े सभी मोबाइल नंबरों का डेटा) का गहन विश्लेषण किया गया। इस विश्लेषण के आधार पर एक मोबाइल नंबर की पहचान हुई, जिसके जरिए पुलिस मृतक के परिजनों तक पहुंचने में सफल रही।
मृतक की पहचान गोपाल कोल (उम्र 26 वर्ष), पिता मुन्ना कोल, निवासी सेमिया नेवारी, थाना जुगैल, जिला सोनभद्र (उत्तर प्रदेश) के रूप में हुई। पहचान सुनिश्चित होते ही, जांच की दिशा को हत्याकांड के आरोपियों की ओर मोड़ दिया गया।
विशेष टीम का गठन और गहन छानबीन
मामले की गंभीरता और जटिलता को देखते हुए, बिलासपुर के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक श्री रजनेश सिंह के निर्देशन में एक विशेष जांच दल (SIT) का गठन किया गया। इस टीम में सिरगिट्टी थाना के अलावा सिविल लाइन, सरकंडा, तारबाहर, एसीसीयू (एंटी क्राइम एंड साइबर यूनिट) और साइबर सेल के अनुभवी अधिकारियों और कर्मियों को शामिल किया गया।
विशेष टीम ने तकनीकी पहलुओं के साथ-साथ स्थानीय सूचनाओं और आसपास के सीसीटीवी फुटेज की पुनः गहन जांच शुरू की। मुखबिरों से प्राप्त सूचनाओं और चिह्नित की गई संदिग्ध गतिविधियों के आधार पर पुलिस ने आरोपियों तक पहुंचने की रणनीति बनाई।
हत्या का खुलासा: शराब के नशे में विवाद
जांच के दौरान पुलिस को पता चला कि घटना वाली रात मृतक गोपाल होटल ग्रैण्ड लोटस के पीछे, सब्ज़ी मंडी रोड के किनारे बैठकर शराब पी रहा था। लगभग उसी समय, दोनों आरोपी—अरुण दास मानिकपुरी और धनेश लोधी उर्फ राजू—भी उसी स्थान पर शराब पीने पहुंचे थे।
शराब के सेवन के दौरान ही मृतक गोपाल का आरोपी धनेश लोधी उर्फ राजू से मामूली विवाद हो गया। यह विवाद इतना बढ़ गया कि दोनों आरोपी, अरुण दास मानिकपुरी और धनेश लोधी उर्फ राजू, मिलकर गोपाल पर हमलावर हो गए और उसके साथ बेरहमी से मारपीट की। इसी दौरान, पास में पड़े एक पत्थर को उठाकर मृतक गोपाल के सिर पर वार किया गया, जिससे घटनास्थल पर ही उसकी मौत हो गई।
साक्ष्य मिटाने का प्रयास
हत्या करने के बाद, आरोपियों को यह डर सताने लगा कि घटना उजागर हो सकती है। इस आशंका से उन्होंने मृतक की पहचान को छिपाने और हत्या के सबूतों को नष्ट करने की योजना बनाई। दोनों आरोपियों ने मिलकर मृतक के शव और उसके कपड़ों को आग लगाकर जला दिया, ताकि शव की पहचान न हो सके और पुलिस हत्यारों तक न पहुँच पाए।
आरोपियों की गिरफ्तारी
लगातार पतासाजी और संदिग्धों पर नज़र रखने के परिणामस्वरूप, पुलिस ने दोनों संदिग्धों—अरुण दास मानिकपुरी (उम्र 30 वर्ष, निवासी अभिलाषा परिसर तिफरा) और धनेश लोधी उर्फ राजू (उम्र 34 वर्ष, निवासी यातायात नगर वार्ड नं. 08 तिफरा)—को हिरासत में लिया।
सघन और वैज्ञानिक तरीके से की गई पूछताछ में दोनों आरोपियों ने अंततः अपने अपराध को स्वीकार कर लिया। आरोपियों को विधिवत गिरफ्तार कर लिया गया है और आगे की कानूनी कार्यवाही की जा रही है। पुलिस अधीक्षक ने इस जटिल और अनसुलझे मामले को त्वरित और सफलतापूर्वक सुलझाने के लिए विशेष टीम की सराहना की है।


