
BHARTENDU KAUSHIK (REPORTER)
हजरत ख्वाजा मोईनुद्दीन चिश्ती रहमतुल्ला अलैहे (अजमेर राजस्थान) जिंसकी मजार शरीफ लगभग 900 साल से स्थित है। जहाँ पर हिंदुस्तान के सभी धर्म के लोग जाकर अपनी आस्था प्रकट करते है। और इन महान सुफी संत हजरत ख्वाजा गरीब नवाज़ की दरगाह पर जाकर अपनी मुराद पाते है।


अजमेर शरीफ दरगाह के लिए 27/11/2024 को अजमेर की निचली अदालत ने एक याचिका स्वीकार कर लिया है जिसमे सन 1911 में एक प्रकाशित पुस्तक के आधार पर अजमेर शरीफ के दरगाह पर एक मंदिर होना बताया गया है जिससे कि हिंदुस्तान के हजरत ख्वाजा मोईनुद्दीन चिश्ती रहमतुल्ला अलैहे के मुरीदो (चाहने वालो) की भावनाओ को ठेस पहुंची है।
भारतीय संसद द्वारा पारित प्लेसेस ऑफ़ वरशिप स्पेशल प्रविजनल एक्ट 1991 जिसमे यह कहा गया है कि भारतवर्ष में जितने भी धार्मिक स्थल है उन्हें 1947 के पहले की स्थिति में रखा जाये । और किसी भी धार्मिक स्थल की प्रकृति में कोई परिवर्तन न किया जाए। परन्तु इस एक्ट प्लेसेस ऑफ़ वरशिप स्पेशल प्रविजनल एक्ट 1991 को सख्ती से सम्पूर्ण भारत वर्ष में पालन किया जाये । तथा इस एक्ट के खिलाफ किसी भी प्रकार के व्यक्ति/संस्था या शासन प्रशासन का जिम्मेदार व्यक्ति कोई कार्य करता है उसके ऊपर राष्ट्रद्रोह का प्रकरण दर्ज कर सख्त कार्यवाही की जाये।


सम्पूर्ण भारत वर्ष में किसी भी धर्म व संप्रदाय के धार्मिक स्थल के विषय में प्लेसेस ऑफ़ वरशिप स्पेशल प्रविजनल एक्ट 1991 के खिलाफ कोई भी आवेदन या प्रकरण शासन प्रशासन ने न्यायालय विचारधीन हो तो उसे तत्काल प्रभाव से निरस्त किया जाये ।