
BHARTENDU KAUSHIK (REPORTER)
बिलासपुर के महापौर प्रत्याशी को लेकर जिस तरह से हलचल और आंतरिक विरोध का वातावरण भाजपा में दिख रहा है उसे देख कर लग रहा है कहीं न कहीं कुछ असंतोष का वातावरण बन गया है।
भाजपा के नेता के द्वारा नेता प्रतिपक्ष की पत्नी का नाम सामने आने पर पार्टी के आंतरिक रुप से विरोध उत्पन्न होता नजर आ रहा है जिसका कारण यह है कि उसी परिवार को बार-बार पद दिया जाना कहां तक पार्टीगत सिद्धांतो के अनुसार उचित है, अन्य प्रत्याशी भी जो योग्य और प्रबल दावेदार है उनको नजरअंदाज किया जाना कितना उचित है।

पार्टी कार्यकर्ताओं ने अपना विरोध व्यक्त करते हैं अवगत कराया की 1994 – 95 के पार्षद चुनाव के दौरान पार्टी प्रत्याशी के खिलाफ निर्दलीय चुनाव लड़ने और सन 1999 के चुनाव में बीजेपी टिकट से चुनाव लड़ने के बाद पूर्व मेयर के साथ जोगी कांग्रेस में शामिल होने का आरोप भी लगाया है । नेताजी के पत्नी के नाम सामने आने के बाद चर्चा बहुत तेजी के साथ बढ़ रही है क्योंकि नेताजी अपने कार्यकाल के दौरान जिस तरह से जिस तरह की कार्यशैली और उनके ऊपर आरोप लगे हुए हैं।
जिसमें कई तरह के विवाद और मारपीट का मामला बताया जा रहा है। उनके कार्यकाल और अनेक विवादों से घिरे होने के कारण पार्टी के अंदर कार्यकर्ताओं ने भी विरोध के स्वर आंतरिक रूप से तेज कर दिए हैं पर यह बात अलग है कि कोई खुलकर सामने नहीं बोल रहा है। इस तरह के प्रत्याशी से बेहतर परिणाम की उम्मीद भाजपा की चयन प्रक्रिया को कहीं निराशाजनक स्थिति का सामना ना करना पड़े।