
रिपोर्टर — सुरज पुरेना
बिलासपुर / ग्राम पोड़ी, तहसील सीपत के लगभग 40 गरीब किसान पिछले 14–15 वर्षों से अपने भूमि के मुआवजे की मांग कर रहे हैं। किसानों का आरोप है कि सिचाई विभाग बिलासपुर द्वारा बांधा तालाब का चौड़ीकरण कार्य किया गया, जिसमें उनकी निजी जमीन अधिग्रहित की गई, लेकिन आज तक उन्हें कोई मुआवजा नहीं दिया गया।
किसानों ने बताया कि उन्होंने 3 अप्रैल 2025 को सक्षम अधिकारियों को ज्ञापन सौंपा था और इससे पहले भी कई बार एसडीएम ऑफिस, कलेक्टर कार्यालय व सिचाई विभाग में आवेदन दिए, लेकिन हर बार सिर्फ आश्वासन ही मिला। एसडीएम के आग्रह पर किसानों ने सीपत मुख्य मार्ग को जाम नहीं किया, लेकिन अब तक उन्हें कोई ठोस जानकारी या मुआवजा नहीं मिला है।

2 जून 2025 को पुनः सभी प्रभावित ग्रामीणों ने एकजुट होकर ज्ञापन सौंपा है और प्रशासन से 15 दिनों के भीतर मुआवजा दिलाने की मांग की है। किसानों ने स्पष्ट किया है कि यदि समयसीमा में कार्रवाई नहीं होती, तो वे न्याय की तलाश में माननीय उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाने को मजबूर होंगे।
ग्रामीणों का कहना है कि वर्षों से वे प्रशासनिक दरवाजों पर दस्तक दे रहे हैं, लेकिन अब उनके धैर्य की सीमा टूट रही है। यदि जल्द समाधान नहीं हुआ, तो वे बड़ा आंदोलन कर सकते हैं, जिसकी जिम्मेदारी प्रशासन की होगी।