
रिपोर्टर — सुरज पुरेना
बिलासपुर। नगर पालिक निगम बिलासपुर द्वारा शासकीय भूमि पर कथित अतिक्रमण को लेकर 1 जून 2025 को जारी किए गए नोटिस पर विवाद खड़ा हो गया है। शिकायतकर्ताओं ने इस नोटिस को अवैध और तथ्यहीन बताते हुए इसका विरोध किया है।
निगम ने लिंगियाडीह क्षेत्र में रपटा चौक से बसंत विहार चौक तक सड़क चौड़ीकरण के लिए सर्वे के आधार पर अतिक्रमण हटाने का नोटिस जारी किया है। इसमें कहा गया है कि संबंधित लोगों ने शासकीय भूमि पर मकान, दुकान या बाउंड्रीवॉल का निर्माण कर अतिक्रमण किया है और 24 घंटे में स्वयं हटाने का निर्देश दिया गया है, अन्यथा नगर निगम कार्रवाई करेगा।

शिकायतकर्ताओं ने कहा है कि उन्हें नोटिस तो भेजा गया, लेकिन यह स्पष्ट नहीं किया गया कि किस आधार पर निर्माण को अतिक्रमण माना गया है। न तो कोई सीमांकन दिखाया गया और न ही कोई दस्तावेज संलग्न किया गया है जिससे यह साबित हो सके कि निर्माण शासकीय भूमि पर किया गया है।
उन्होंने यह भी बताया कि जिन खसरा नंबरों (जैसे 408, 407, 406, 421 आदि) की भूमि पर निर्माण हुआ है, वे वैध रूप से निजी स्वामित्व की हैं, जिनका अधिग्रहण कभी नहीं किया गया। साथ ही इस क्षेत्र की सड़क की चौड़ाई वर्तमान में भी विकास योजना 2011 के अनुसार 18 मीटर है, जिसे आधार बनाकर अतिक्रमण का आरोप गलत है।
शिकायतकर्ताओं ने चेतावनी दी है कि यदि निगम द्वारा उनके वैध निर्माण को कोई क्षति पहुँचाई जाती है, तो वे न्यायालय की शरण लेंगे और इसके लिए पूरी जिम्मेदारी शासन और नगर निगम की होगी।
भूमि स्वामियों ने नगर निगम द्वारा भेजे गए इस नोटिस के विरुद्ध उचित कानूनी कार्रवाई की मांग की है और इसे न्यायहित में अनुचित करार दिया है।