
रिपोर्टर — सुरज पुरेना
Bilaspur । सुशासन तिहार जैसे आयोजन के दौरान भी आमजन को न्याय नहीं मिल पा रहा है। एक ऐसा ही मामला बिलासपुर जिले के ग्राम भरनी से सामने आया है, जहाँ निवासी विष्णु प्रसाद महरा अपनी जमीन का सीमांकन कराने के लिए महीनों से तहसील कार्यालय और राजस्व अधिकारियों के चक्कर काट रहे हैं। लेकिन अब तक उन्हें सिर्फ आश्वासन ही मिला है।
विष्णु प्रसाद महरा, पिता स्व. बनउराम वस्त्रकार ने बताया कि उनकी पुश्तैनी जमीन खसरा नंबर 695/2 (0.0280 हे.) और 716/2 (0.0040 हे.) उनके नाम पर विधिवत नामांतरण के बाद राजस्व रिकॉर्ड में दर्ज है। उक्त भूमि का सीमांकन कर विक्रय कराना उनका उद्देश्य है ताकि पत्नी के इलाज और बच्चों के विवाह हेतु जरूरी राशि प्राप्त हो सके। लेकिन तहसीलदार सकरी के आदेश अनुसार गठित टीम 21 अप्रैल 2025 को मौके पर पहुँची और बिना सीमांकन किए यह कहकर लौट आई कि “यह जमीन तुम्हारी नहीं है”।

यह भी गंभीर बात है कि मौके पर सभी दस्तावेज़ जैसे बी-1, पी-2, नक्शा, ऋण पुस्तिका आदि प्रस्तुत करने के बावजूद सीमांकन नहीं किया गया। पीड़ित का आरोप है कि सीमांकन में द्वेषपूर्वक भेदभाव किया गया और गलत भू-भाग को चिन्हांकित कर सीमांकन दर्शाया गया। उनका यह भी कहना है कि उन्होंने तखतपुर विधायक महोदय से भी मुलाकात की, जिनके हस्तक्षेप के बावजूद सीमांकन में गड़बड़ी की गई।
पीड़ित विष्णु प्रसाद का कहना है कि यदि जल्द न्याय न मिला, तो उन्हें पत्नी के इलाज में भारी कठिनाई होगी और पुत्र-पुत्रियों के विवाह भी रुक सकते हैं। इस संबंध में वे जिला प्रशासन और कलेक्टर से मांग कर रहे हैं कि सीमांकन किसी निष्पक्ष राजस्व अधिकारी से कराया जाए और दोषी अधिकारियों पर कार्रवाई की जाए।
अब यह देखने वाली बात होगी कि प्रशासन इस गंभीर प्रकरण में क्या ठोस कदम उठाता है या फिर मामला केवल फाइलों और कागज़ों में दबकर रह जाएगा।