
खाश रिपोर्ट सुरज पुरेना का
Bilaspur । मोपका एलआईसी सिटी रोड, चिल्हाटी निवासी श्रीमती प्रीति टुटेजा (उम्र 68 वर्ष) का 6 जून 2025 को निधन हो गया। उनके पति श्री रविंदर सिंह टुटेजा व परिवारजनों की इच्छानुसार उनका देहदान किया गया। यह महादान चिकित्सा शिक्षा के क्षेत्र में एक प्रेरणादायक पहल है, जिससे भावी डॉक्टरों को मानव शरीर की बारीक संरचना का अध्ययन करने में मदद मिलेगी।

सिम्स अधिष्ठाता डॉ. रमणेश मूर्ति ने बताया कि देहदान की प्रक्रिया में एनाटॉमी विभाग द्वारा तीन फार्म भरे जाते हैं—एक परिजन, एक विभाग व एक रिकॉर्ड हेतु सुरक्षित रहता है। पूरी संज्ञान प्रक्रिया के साथ बॉडी को फार्मलिन टैंक में संरक्षित किया जाता है।

यह बॉडी मेडिकल छात्रों के लिए अध्ययन का अमूल्य स्रोत होती है। प्रथम एवं द्वितीय वर्ष के छात्र रक्त तंत्र, संचार तंत्र, मांसपेशियों, हड्डियों, मस्तिष्क, नेत्र, किडनी आदि अंगों का व्यावहारिक ज्ञान प्राप्त करते हैं। यह प्रक्रिया 3 से 5 वर्षों तक चलती है।
प्रथम वर्ष में छात्रों को ‘महादानी’ के प्रति आभार जताने की शपथ दिलाई जाती है, कि वे इस देह का सम्मान करेंगे और इसके माध्यम से मिली शिक्षा को मानव सेवा में लगाएंगे। देहदान को लेकर समाज में जागरूकता फैलाने की अपील की गई है कि अधिक से अधिक लोग आगे आएं और इस पुनीत कार्य से जुड़ें।