
रिपोर्टर — सुरज पुरेना
बिलासपुर / शहर में नशे में वाहन चलाने वालों पर ट्रैफिक पुलिस ने बड़ी सख्ती दिखाते हुए बीते एक माह में 385 मामलों में कार्रवाई करते हुए सभी को न्यायालय भेजा है। मोटर यान अधिनियम की धारा 185 के तहत इन चालकों से कुल ₹33.22 लाख का जुर्माना वसूला गया।

वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक रजनेश सिंह के निर्देश पर अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक (यातायात) रामगोपाल करियारे के नेतृत्व में यह सघन अभियान चलाया गया। कार्रवाई के दौरान ब्रीथ एनालाइजर (एल्कोमीटर) की मदद से चालकों की सांसों में अल्कोहल की मात्रा मापी गई। जांच में दोषी पाए गए चालकों के वाहन तत्काल जब्त कर लिए गए और सभी प्रकरणों को न्यायालय में प्रस्तुत किया गया।
ट्रैफिक पुलिस के अनुसार नशे में वाहन चलाना सड़क दुर्घटनाओं का एक प्रमुख कारण है। नशे की हालत में चालक की निर्णय लेने की क्षमता कमजोर हो जाती है और क्लच, ब्रेक, स्टेयरिंग पर नियंत्रण खो बैठते हैं। इससे न केवल चालक बल्कि अन्य वाहन चालकों, पैदल राहगीरों और मवेशियों की जान को भी खतरा होता है।

अभियान के तहत ट्रांसपोर्ट मालिकों और वाहन स्वामियों को निर्देशित किया गया है कि वे आदतन नशेड़ी चालकों को वाहन संचालन से तत्काल हटाएं। चेतावनी दी गई है कि ऐसे चालकों को जिम्मेदारी सौंपने पर वाहन मालिकों पर भी वैधानिक कार्रवाई की जाएगी। साथ ही चिन्हित शराबी चालकों की गतिविधियों पर नजर रखने के लिए ‘यातायात मुखबिर’ भी नियुक्त किए गए हैं।
जनजागरूकता अभियान के माध्यम से लोगों को लगातार यातायात नियमों, उनके उल्लंघन पर लगने वाले दंड और संभावित खतरों की जानकारी दी जा रही है। इसके बावजूद कई चालक लापरवाही बरत रहे हैं।
यातायात पुलिस ने सभी वाहन चालकों से अपील की है कि वे नशे में कभी वाहन न चलाएं, नियमों का पालन करें और सुरक्षित यात्रा सुनिश्चित करें। पुलिस का उद्देश्य बिलासपुर को एक अनुशासित, सुरक्षित और आदर्श यातायात व्यवस्था वाला जिला बनाना है।