
रिपोर्टर — सुरज पुरेना
बिलासपुर न्यूज / छत्तीसगढ़ आयुर्विज्ञान संस्थान (सिम्स) के दंत चिकित्सा विभाग ने संभाग का पहला टेम्पोरो-मैंडिबुलर जॉइंट रिप्लेसमेंट (टी.जे.आर.) एवं ऑर्थो-ग्रेथिक सर्जरी सफलतापूर्वक कर चिकित्सा इतिहास में नई उपलब्धि दर्ज की है।
मरीज नीता कुमारी (परिवर्तित नाम), उम्र 20 वर्ष, बचपन में जबड़े की चोट के कारण टी.एम. जॉइंट एन्काइलोसिस और चेहरे के टेढ़ेपन से जूझ रही थी। मुँह न खुलने और खाने-पीने की समस्या के साथ चेहरा असंतुलित हो गया था, जिससे वह मानसिक तनाव और हीन भावना में जी रही थी। निजी अस्पतालों में इलाज का खर्च लगभग 45 लाख रुपये बताया गया, जिससे परेशान होकर मरीज सिम्स पहुँची।

यहाँ विस्तृत जाँच के बाद बहु-चरणीय ऑपरेशन की योजना बनाई गई। मई 2023 में डिस्ट्रक्शन ओस्टोजेनेसिस द्वारा जबड़े की लंबाई बढ़ाई गई। फरवरी 2024 में दूसरा ऑपरेशन कर उपकरण निकाला गया। अक्टूबर 2024 में तीसरे चरण में कस्टमाइज्ड आर्टिफिशियल टी.एम. जॉइंट रिप्लेसमेंट किया गया और अंततः ऑर्थोग्निथिक सर्जरी (जबड़े को सीधा कर चेहरा संतुलित करना) सम्पन्न हुआ।
यह प्रदेश का पहला ऐसा जटिल ऑपरेशन है जिसमें टी.एम. जॉइंट रिप्लेसमेंट और ऑर्थोग्निथिक सर्जरी एक साथ की गई। कस्टमाइज्ड जॉइंट प्रत्यारोपण से चेहरे की समरूपता, जबड़े का कार्य और मरीज की जीवन गुणवत्ता में उल्लेखनीय सुधार हुआ।
इस सफलता में दंत विभाग के डॉ. भूपेंद्र कश्यप, विभागाध्यक्ष एवं ओरल-मैक्सिलोफेसियल सर्जन डॉ. संदीप प्रकाश, डॉ. जंडेल सिंह ठाकुर सहित संपूर्ण चिकित्सा दल, रेडियो-डायग्नोसिस, एनेस्थीसिया, नर्सिंग स्टाफ एवं तकनीकी सहयोगियों का अहम योगदान रहा।
सिम्स प्रबंधन ने बताया कि ऐसे महंगे ऑपरेशन अब आयुष्मान कार्ड योजना के तहत निःशुल्क उपलब्ध कराए जा रहे हैं। अधिष्ठाता डॉ. रमणेश मूर्ति और अधीक्षक डॉ. लखन सिंह ने इसे गरीब मरीजों के लिए बड़ी राहत बताया।
👉 यह उपलब्धि सिम्स बिलासपुर को प्रदेश में उन्नत दंत एवं मैक्सिलोफेसियल सर्जरी का केंद्र बनाने की दिशा में ऐतिहासिक कदम है।