साइबर क्राइम पर बड़ी कार्रवाई: बिलासपुर रेंज साइबर थाना ने ऑनलाइन ठगी के अंतर्राज्यीय गिरोह का भंडाफोड़ किया
बिलासपुर, छत्तीसगढ़: डॉ. संजीव शुक्ला (भा.पु.से.), पुलिस महानिरीक्षक, बिलासपुर रेंज, बिलासपुर के निर्देशन और श्री रजनेश सिंह (भा.पु.से.), पुलिस अधीक्षक, बिलासपुर के मार्गदर्शन में साइबर अपराधियों पर लगातार हो रही कार्रवाई के तहत बिलासपुर रेंज साइबर थाना को एक बड़ी सफलता मिली है। रेंज सायबर थाना की टीम ने एक अंतर्राज्यीय ऑनलाइन वित्तीय धोखाधड़ी गिरोह के दो प्रमुख आरोपियों को बिहार से गिरफ्तार किया है।
73 लाख रुपए की सनसनीखेज ठगी का मामला
यह कार्रवाई सकरी थाना क्षेत्र से संबंधित एक मेडिकल व्यवसायी के साथ हुई हाई-प्रोफाइल धोखाधड़ी के मामले में की गई है। शिकायतकर्ता राजेश पाण्डेय, निवासी सी-24 फेस-1 नेचर सिटी, सकरी, को आरोपियों ने ‘पीएम समृद्धि योजना’ के तहत कम ब्याज पर 50 लाख रुपये का लोन दिलाने और उस पर 30 प्रतिशत की छूट दिलाने का झांसा दिया।

आरोपी, जिन्होंने खुद को श्रीराम सिटी यूनियन फायनेंस लिमिटेड, मुम्बई का अधिकारी बताकर ‘ग्रिजेश त्रिवेदी’ तथा अन्य नकली नामों का इस्तेमाल किया, उन्होंने 12.02.2024 से 29.09.2025 के बीच विभिन्न मोबाइल नंबरों से पीड़ित को लगातार कॉल किए। इस अवधि में, उन्होंने अलग-अलग किश्तों में पीड़ित से कुल 73,23,291/- (तिरत्तर लाख तेईस हजार दो सौ इक्यानवे रुपये) की बड़ी राशि की वित्तीय धोखाधड़ी को अंजाम दिया।
हाई-टेक ठगी का तरीका
प्राथमिक जांच में पता चला कि यह गिरोह सुनियोजित तरीके से काम करता था। ठगी के लिए वे निम्नलिखित तरीकों का उपयोग करते थे:
- फर्जी पहचान: श्रीराम सिटी यूनियन फायनेंस लिमिटेड के अधिकारी बनकर कॉल करना।
- सरकारी योजना का लालच: ‘पीएम समृद्धि योजना’ जैसी सरकारी- sounding योजना का नाम इस्तेमाल कर विश्वसनीयता बनाना।
- फर्जी SIM और बैंक खाते: धोखाधड़ी की रकम प्राप्त करने के लिए आरोपी फर्जी सिम कार्डों और सुनियोजित तरीके से खुलवाए गए फर्जी बैंक खातों का उपयोग करते थे।
रेंज सायबर थाना की विशेष टीम
शिकायतकर्ता की लिखित रिपोर्ट पर रेंज सायबर थाना बिलासपुर में अपराध क्रमांक 718/2025 के तहत धारा 318(4), 111(4) बीएनएस एवं 66(डी) आई.टी एक्ट के अंतर्गत मामला दर्ज किया गया।
प्रकरण की गहन विवेचना के दौरान, रेंज सायबर थाना की टीम ने साइबर क्राईम रिपोर्टिंग पोर्टल की रिपोर्ट, ठगी की रकम प्राप्त करने में उपयोग किए गए बैंक खातों की जानकारी, ऑनलाइन लेनदेन और अन्य तकनीकी डेटा का विश्लेषण किया। तकनीकी साक्ष्यों के आधार पर, आरोपियों के बिहार के वैशाली जिले के अंतर्गत ग्राम गढ़वाल कनौली के निवासी होने की जानकारी मिली।
वरिष्ठ अधिकारियों के निर्देशानुसार, निरीक्षक रजनीश सिंह के नेतृत्व में एक विशेष टीम को तुरंत बिहार के वैशाली जिले के लिए रवाना किया गया।
गिरफ्तारी और स्वीकारोक्ति
लगातार दो दिनों की सघन छानबीन और स्थानीय पुलिस के सहयोग से, टीम ने गढ़वाल कनौली (बिहार) निवासी दो मुख्य आरोपियों को धर दबोचा:
- विकास कुमार उर्फ विक्रम सिंह पिता अशोक कुमार सिंह (उम्र 28 वर्ष)
- अमन कुमार सिंह उर्फ पीयूष पिता संजय कुमार सिंह (उम्र 26 वर्ष)
पूछताछ में आरोपियों ने अपना जुर्म कबूल किया। उन्होंने बताया कि वे दिल्ली में किराए के मकान में रहते थे और अपने अन्य साथियों के साथ मिलकर आम लोगों को कम ब्याज में लोन दिलाने का लालच देकर ऑनलाइन ठगी करते थे। उनका मुख्य काम फर्जी सिम और फर्जी बैंक खाते उपलब्ध कराना और फिर ठगी की गई रकम को इन खातों से आहरित (निकालना) करना था। उन्होंने यह भी स्वीकार किया कि वे अपने नाम पर और अन्य लोगों से फर्जी बैंक खाते खुलवाकर ठगी का पैसा जमा कराते थे।
पुलिस द्वारा आरोपियों के विरुद्ध संगठित अपराध (धारा 111 बीएनएस के तहत्) के तहत कार्रवाई की गई है। इस गिरोह में शामिल अन्य आरोपियों और ठगी की गई शेष रकम की बरामदगी के संबंध में आगे की पूछताछ और जांच जारी है।
जनता से अपील: बिलासपुर पुलिस ने नागरिकों से अपील की है कि वे किसी भी अज्ञात व्यक्ति या संस्था द्वारा दिए जाने वाले आकर्षक लोन या छूट के झांसे में न आएं और अपनी निजी व वित्तीय जानकारी साझा न करें। किसी भी संदिग्ध कॉल की सूचना तत्काल पुलिस या साइबर क्राइम रिपोर्टिंग पोर्टल पर दें।



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